कुछ अनकही बातें हैं, कुछ अनकहे बोल हैं,
जिंदगी के सफ़र में सब कुछ अनमोल है,
जिंदगी का सफ़र कुछ ऐसे चला,
हम थम भी गए पर ये न थमा,
अपनी ही गति से अपने ही वेग से,
ये चलता रहा ये बढता रहा,
हमसे कहा तुम भी चलो,
मेरे साथ चलो, मेरे साथ बड़ो
पर कुछ अपनों के मोह ने
हमे बढने न दिया,
हम थम भी गए पर ये न थमा ||
No comments:
Post a Comment