"पांच दिसम्बर दो हजार नो को,
दोपहर के पौने दो को,
टिप टिप बारिश शुरू हुई,
और फिर पहली बर्फ शुरू हुई,
प्रकृति का नजारा वो दर्शनीय था,
पहली बार बर्फ होते देख में हर्षित था,
कुछ चित्र लिए मेने स्मृति के लिए,
वो पहली बर्फ थी मेरे लिए,
आलू की टिक्की और छोले का संग था,
हरियाली को बर्फ का रंग था,
वो पहली बर्फ का अहसास अलग था,
मेरे लिए वो पहला बर्फ था,
फिजा में एक अलग महक थी,
वो अविस्मरनीय पहली बर्फ थी,
बर्फ की बोछारों को "विशु" का भी संग था,
क्योंकि वो "विशु" का पहला बर्फ था"
Swagat hai!
ReplyDeleteअच्छी लगी आपकी रचना .. इस नए चिट्ठे के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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