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Thursday, September 1, 2011

क्षमापना ही जीवन का सार है,
क्षमापना ही जीवन की मधुर बयार है,
क्षमापना से ही बंधुत्व और प्रेम है,
क्षमापना ही टूटे रिश्तो को जोड़ने का औजार है .....
- विकास चौधरी "विशु"